Thursday, October 7, 2010

कुछ अनकही

मेरे सीने में नही तो तेरे सीने में सही, पर आग तो जलनी चाहिए !
जितना हम तडपे है, उतना कोई और भी तड़पना चाहिए.
ये कोई बदला नहीं, बस दिल की हसरत है .
कोई व्यंग नही, बस विचारों की कसरत है
ढूढता है दिल अक्सर, उससे मिलने का बहाना,
बस कदम साथ नही देते, जिस रास्ते को है जाना.
हर मुस्कुराहट को दिल में कैद करना,
फिर घंटो उन यादो में खो जाना.
वजूद अब खोने सा लगा है,
दिल फिर रोने को हो चला है .
दिल कहता है 'मनु' तू  रोता क्यों,
दिमाग कहता 'मनु' तू  मरता क्यों है.
दिल बोलता चल  खुश हो की वो खुश है,
दिमाग बोलता चल चल खुश हो की वो दूर है.
इतमिनान करो दिल को आराम दो,
क्यूंकि ये ज़िन्दगी है ज़ीने के लिए ,
खुशिया बाटोंगे तो ज़िन्दगी बेहतरीन होगी,
वरना मौत से पहले ही  मौत होगी.

कौस्तुभ 'मनु'

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