Friday, June 15, 2012

ख्वाबों की कहानी

अगर ख्वाब यूँ ही सच होने लगते,
तो ख्वाहिशों का कोई मोल न होता.
करते सिर्फ़ पाने की चाह बस,
पर मिलने का अहसास न होता.
न होती दिलों में आरजू कोई,
कोई दिल में गम ही न होता.

कौस्तुभ 'मनु'