मन संवेदना
Saturday, December 10, 2011
जख्म अगर यूँ ही भरने लगते तो,
प्यार में इतनी तड़प न होती .
न दिल का यूँ टूटना होता,
दिल में इतनी कसक न होती .
- कौस्तुभ 'मनु'
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