नकाब में दिखता है आज हर एक शक्स,
दिखता है हर किसी की आँखों में खुदगर्जी का अक्स।
पूछता जब भी 'मनु' इनसे इनका सच,
निकल जाते निगाहें बचा कर सब।
कौस्तुभ 'मनु'
दिखता है हर किसी की आँखों में खुदगर्जी का अक्स।
पूछता जब भी 'मनु' इनसे इनका सच,
निकल जाते निगाहें बचा कर सब।
कौस्तुभ 'मनु'